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सोने की कीमतें पिछले कई हफ्तों से एक सीमित दायरे में फंसी हुई हैं। निवेशकों के लिए यह बड़ा सवाल है कि आने वाले दिनों में रेट किस दिशा में जाएंगे।
Contents
सोना क्यों अटका है रेंज में?
पिछले करीब 12 हफ्तों से सोने की कीमतें 3,250 से 3,450 डॉलर प्रति औंस के बीच कारोबार कर रही हैं।
- अमेरिकी डॉलर की मजबूती
- बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव
- और ग्लोबल सेंट्रल बैंकों की नीतियां
इन कारणों से सोना इस समय कोई बड़ा ट्रेंड नहीं पकड़ पा रहा है।
निकट भविष्य का आउटलुक
एनालिस्ट्स का कहना है कि जब तक अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ब्याज दरों पर बड़ा संकेत नहीं देता, तब तक सोना इसी दायरे में रहेगा।
- अगर डॉलर इंडेक्स मज़बूत रहता है तो सोने पर दबाव रहेगा।
- वहीं, अगर बॉन्ड यील्ड में गिरावट आती है तो सोने को सपोर्ट मिलेगा।
निवेशकों के लिए संकेत
- शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स को 3,250 डॉलर पर सपोर्ट और 3,450 डॉलर पर रेजिस्टेंस देखने की सलाह दी जा रही है।
- लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए सोना अभी भी सुरक्षित निवेश (Safe Haven Asset) माना जा रहा है।
भारत में गोल्ड रेट्स
भारतीय बाज़ार में भी सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय रुझानों के अनुसार ही चल रही हैं।
- मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना फिलहाल ₹72,000 से ₹73,500 प्रति 10 ग्राम के दायरे में कारोबार कर रहा है।
- शादी-ब्याह के सीज़न और फेस्टिव डिमांड कीमतों को घरेलू स्तर पर सपोर्ट दे रही है।
आगे क्या?
विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक अमेरिकी ब्याज दरों पर साफ संकेत नहीं आते, तब तक सोना इस रेंज में फंसा रहेगा। अगर कोई बड़ा भू-राजनीतिक तनाव या आर्थिक संकट सामने आता है, तो सोने में तेज़ी देखने को मिल सकती है।